Israel-Hamas War पर उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान, जानें क्या कहा?

Former Jammu and Kashmir CM Omar Abdullah has given a big statement regarding the Israel-Hamas war. इजरायल हमास युद्ध को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है.

Israel-Hamas War पर उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान, जानें क्या कहा?

इजरायल और हमास के बीच बीते दो हफ्तों से युद्ध जारी है. इस युद्ध ने पूरी दुनिया को दो धड़ों में बांट दिया है. एक वो हैं जो हमास और फिलिस्तीन का साथ दे रहे हैं. वहीं, दूसरे वो हैं जो इजरायल के साथ खड़े हैं. फिलिस्तीन और हमास के साथ अधिकतर मुस्लिम बाहुल्य देश हैं. इसी बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्ला ने इजरायल हमास युद्ध पर बड़ा बयान दिया है. साथ ही उन्होंने भारत के लोगों को लिए एक चेतावनी भी दी है. 

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, 'अगर ये युद्ध गाजा से बाहर निकलता है तो, इसका असर भारतीय लोगों पर भी पड़ेगा. उन्होंने कहा कि, अगर संघर्ष लंबा चला तो हम निश्चित रूप से प्रभावित होंगे. अन्य देशों की तुलना में हमारे ज्यादा नागरिक उस इलाके में काम करते हैं. अगर संघर्ष गाजा से बाहर फैलता है तो हमारे लोग इससे प्रभावित होंगे. इसलिए हम चाहते हैं कि युद्ध रुके, बमबारी रुके.' इसके साथ ही उमर अब्दुल्ला ने इस युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट को भी कटघरे में खड़ा किया है. 

उमर अब्दुल्ला ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का हवाला देते हुए कहा कि अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते. संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी देशों के निशाने पर लेते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘UN और अन्य देशों को न्याय करना होगा. वे अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग नियम नहीं अपना सकते. संयुक्त राष्ट्र चुप नहीं है, लेकिन उसकी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा. जहां तक मैंने देखा, UN ने वहां मानवीय संकट के बारे में बात की है. इजरायल को अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों से इतना समर्थन मिल रहा है कि हमें UN का खास असर नहीं दिख रहा है.’

उमर अब्दुल्ला ने पूछा कि आखिर दुनिया ने इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग को लेकर चुप्पी क्यों साध रखी है. उन्होंने कहा कि जब रूस ने यूक्रेन के साथ जंग के दौरान जरूरी चीजों की सप्लाई रोकी थी तो इसे ‘युद्ध अपराध’ कहा जा रहा था, तो यही नियम इजरायल और हमास की जंग पर क्यों नहीं लगाया जा रहा. अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि भारत ने खुलकर इजरायल का समर्थन किया और गाजा को मदद भी भेजी, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. उन्होंने कहा कि जंग के दौरान लोगों तक मदद भी नहीं पहुंच रही है.