राम मंदिर के लिए कांग्रेस ने रचा था षड्यंत्र! इस जज ने किया बड़ा खुलासा
Retired Justice Sudhir Aggarwal has made a big revelation regarding Ram Mandir and Congress. रिटायर्ड जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने राम मंदिर और कांग्रेस को लेकर बड़ा खुलासा किया है.
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Ayodhya Ram Mandir) होना है. सारी तैयारियां हो चुकी हैं. इस बीच अयोध्या भूमि विवाद पर साल 2010 में फैसला सुनाने वाले जस्टिस (रिटायर्ड) सुधीर अग्रवाल का एक इंटरव्यू सामने आया है. उन्होंने कहा है कि उस समय सत्ता के शीर्ष पर बैठीं शक्तियां नहीं चाहती थीं कि इस विवाद पर फैसला आए.
दैनिक जागरण को दिए एक इंटरव्यू में जस्टिस (रिटायर्ड) सुधीर अग्रवाल ने कहा कि आज मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन जब इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी तब स्थितियां अनुकूल नहीं थीं. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में इस विवाद की सुनवाई तथ्यों और दलीलों के आधार पर चल रही थी, लेकिन बाहरी शक्तियां फैसला नहीं आने देना चाहती थीं.
‘दबाव बनाया जा रहा था’
सुनवाई के दौरान जस्टिस (रिटायर्ड) सुधीर अग्रवाल तीन सदस्यीय बेंच का हिस्सा थे. इस समय वो ग्रीन ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि जुलाई 2010 में जब इस विवाद पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था, तब सरगर्मियां बढ़ गई थीं. हर स्तर पर दबाव बनाया जा रहा था कि इस मामले में फैसला ना दिया जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि इस संबंध में सरकार के अलावा और भी कई स्तरों पर ऐसी कोशिश की जा रही थी.
जस्टिस (रिटायर्ड) सुधीर अग्रवाल ने बताया कि फैसला सुनाने के कुछ दिन पहले हाई कोर्ट के एक वरिष्ठ जज ने उन्हें चैंबर में बुलाया था और कहा था कि केंद्र सरकार नहीं चाहती कि इस मामले में फैसला सुनाया जाए. उस समय केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA-2 सरकार थी. जस्टिस (रिटायर्ड) सुधीर अग्रवाल ने आगे कहा कि वो जस्टिस एसयू खान की तारीफ करना चाहेंगे, जिन्होंने वरिष्ठ जज को यह जवाब दिया था कि अब कुछ नहीं हो सकता.