तेलंगाना के CM बने रेवंत रेड्डी, 11 मंत्रियों ने भी ली शपथ
Revanth Reddy takes oath as Chief Minister of Telangana. रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा रहे रेवंत रेड्डी अब राज्य के मुख्यमंत्री बन गए हैं. गुरुवार को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. उनके शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता नजर आए. तेलंगाना चुनावों में मिली प्रचंड बहुमत के बाद ही यह तय हो गया था कि रेवंत रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री होंगे. उन्होंने तेलंगाना में चुनाव अभियान का नेतृत्व किया था. सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) को करारी हार देने वाले रेवंत रेड्डी की अब ताजपोशी हो गई है. उनके साथ कुल 11 मंत्रियों ने भी शपथ ली है.
पूरे चुनाव में उन्होंने के चंद्रशेखर राव के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किया था. कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें जीत का क्रेडिट भी दिया था. वह मुख्यमंत्री के संभावित उम्मीदवारों में चुनाव के दौरान से ही शीर्ष बने रहे. उनके चेहरे पर कोई हंगामा भी नहीं हुआ. दक्षिण में कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना में भी कांग्रेस का हाथ मजबूत हुआ है. रेवंत रेड्डी इस राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री होंगे.
कितनी संपत्ति
नामांकन के दौरान रेवंत रेड्डी ने एफिडेविट में बताया कि उनके पास कुल 30 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है. उनके इनकम टैक्स रिटर्न के मुताबिक, रेवंत रेड्डी के पास साल 2022-2023 वित्तीय वर्ष में 13,76,700 की कमाई की थी. 2021-2022 में उनकी कुल इनकम 14,31,580 थी. रेवंत रेड्डी और उनकी पत्नी गीता के नाम गाड़ियां, शेयर, बॉन्ड्स, कैश, बैंक बैलेंस और जवाहारात समेत कई चल संपत्तियां हैं. रेवंत रेड्डी के नाम 2,18,93,343 की चल संपत्ति है, जबकि गीता रेड्डी के नाम 2,92,68,009 की चल संपत्ति है. वहीं. अचल संपत्ति की बात करें तो रेवंत रेड्डी के नाम 8,62,33,567 रुपये की प्रॉपर्टी है, जबकि गीता रेड्डी के नाम 15,02,67,225 रुपेय की अचल संपत्ति है. अचल संपत्ति में जमीन, एग्रीकल्चर लैंड और घर शामिल हैं. उनकी कुल 1,90,26,339 रुपये की देनदारी है.
रेवंत रेड्डी के खिलाफ कितने क्रिमिनल केस
रेवंत रेड्डी के खिलाफ कुल 89 क्रिमिनल केस चल रहे हैं. हालांकि, किसी भी मामले में उन्हें दोषी घोषित नहीं किया गया है. 89 में से 34 मामले आपराधिक मामलों में सजा देने वाली आईपसी की धारा 506 के तहत दर्ज हैं. 38 केस सेक्शन 504 में दर्ज हैं, यह धारा शांति भंग करने के मकसद से जानबूझकर अपमान करने से जुड़ी है. 21 केस सेक्शन धारा-153 के हैं, जो दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाने के लिए है. बाकी केस अन्य मामलों में दर्ज हैं.
रेवंत रेड्डी का पॉलिटिकल करियर
रेवंत रेड्डा कॉलेज टाइम से ही राजनीति में सक्रिय थे. उस वक्त वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की छात्र विंग एबीवीपी से जुड़े थे. 2001-2002 में वह के चंद्रशेखर राव (KCR) की तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति) से जुड़े. 2006 में उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी का साथ पकड़ा. टीडीपी के टिकट पर उन्होंने कोडंगल से पहली बार विधायकी का चुनाव लड़ा और जीत गए. 2017 में रेवंत रेड्डी ने टीडीपी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए. साल 2018 में कांग्रेस के टिकट पर विधायकी का चुनाव लड़ा, जिसमें वह हार गए. हालांकि, 2019 के आम चुनाव में वह मल्काजगिरी से कांग्रेस के टिकट पर उतरे और जीत गए.