भारत की वजह से हुआ इजरायल-हमास युद्ध! जो बाइडेन का बड़ा दावा
US President Joe Biden has made a big revelation regarding the war between Israel and Hamas. इजरायल और हमास युद्ध को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ा खुलासा किया है.
इजरायल और हमास के बीच बीते 20 दिनों से संघर्ष जारी है. इस युद्ध की शुरुआत हुआ 7 अक्टूबर से. जब हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था. हमास ने इजरायल पर एक साथ करीब 7 हजार मिसाइल दागी. साथ ही हमास के सैकड़ों लड़ाके इजरायल में घुसे और जमकर तबाही मचाई. इस युद्ध ने पूरी दुनिया को दो हिंस्सों में बांट दिया है. एक वो जो फिलिस्तीन के साथ खड़े हैं और उनमें से कुछ खुलकर हमास का समर्थन कर रहे हैं. वहीं, दूसरे वो जो इजरायल का समर्थन कर रहे हैं. लेकिन, इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस युद्ध को लेकर एक बड़ा खुलासा कर दिया है.
दरअसल, जो बाइडेन ने कहा कि भारत में आयोजित जी-20 के दौरान हुआ एक समझौता इस युद्ध का कारण हो सकता है. जो बाइडेन ने कहा है, 'उन्हें लगता है कि, हमास की ओर से इजरायल पर आतंकवादी हमला करने का एक कारण हाल ही में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान महत्वाकांक्षी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा भी हो सकता है.'
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. जिसमें उन्होंने कहा कि, 'मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि हमास के आतंकी हमले के पीछे कहीं न कहीं भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा एक बड़ा कारण है. हालांकि, मेरे पास इसे लेकर सबूत नहीं हैं. लेकिन, मेरी अंतरात्मा मुझे ये बता रही है.' साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, 'हम इस प्रोजेक्ट को पीछे नहीं छोड़ सकते.'
बता दें कि, एक हफ्ते के अंदर यह दूसरी बार है जब जो बाइडेन ने हमास के हमले के संभावित कारण के रूप में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईईसी) का उल्लेख किया है. इस आर्थिक गलियारे को कई लोग चीन की बीआरआई प्रोजेक्ट के विकल्प के रूप में भी देखते हैं. यह संयुक्त रूप से अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय देशों को जोड़ेगा. इसकी घोषणा भारत ने सितंबर में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान की थी. यह कॉरिडोर दो हिस्सों में होगा. एक हिस्सा पूर्वी गलियारा होगा जो भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ेगा, जबकि दूसरा हिस्सा उत्तरी गलियारा होगा जो खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ेगा.