महुआ मोइत्रा के सवाल पर बवाल! जानें संसद में कैसे पूछे जाते हैं प्रश्न?

Know the procedure under which questions are asked in Lok Sabha and Rajya Sabha. जानें लोकसभा और राज्यसभा में किस प्रक्रिया के तहत सवाल पूछे जाते हैं.

महुआ मोइत्रा के सवाल पर बवाल! जानें संसद में कैसे पूछे जाते हैं प्रश्न?

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप लगे हैं. ये आरोप लगाए हैं, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने. निशिकांत दुबे ने कहा था कि, महुआ मोइत्रा ने एक बिजनेसमैन के कहने पर पैसे लेकर अडानी के खिलाफ सवाल पूछे थे. ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि, आखिर संसद में सवाल किस प्रक्रिया के तहत पूछे जाते हैं? तो आइए जानते हैं इन्हीं सवालों के जवाब.

लोकसभा की कार्यवाही जब शुरू होती है पहला घंटा और राज्यसभा में दोपहर 12 बजे के बाद  सवाल पूछने के लिए समय नियत किया गया है. इस समय को प्रश्नकाल के नाम से जाना जाता है, इन सवालों के जरिए जनप्रतिनिधि अपने इलाकों के बारे में सरकार तक बात पहुंचाते है. या राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी सवाल पूछा जाता है, जिस मंत्रालय से सवाल जुड़ा होता है उस विभाग का मंत्री जवाब देता है, कभी कभी जब कोई सवाल गंभीर प्रकृति का होता है उसके लिए अनुसंधान की जरूरत भी पड़ जाती है.

सवालों की अलग अलग श्रेणियां निर्धारित की गई हैं. किसी सदस्य के सवाल को मौखिक जवाब की श्रेणी में रखा जाता है, ऐसी सूरत में संसद सदस्य अपने सवाल की बारी आने का इंतजार करते हैं और सवाल पूछते हैं, सवाल के जवाब में संबंधित मंत्री जवाब देता है. अगर संसद सदस्य जवाब से संतुष्ट नहीं है तो वो दो सप्लीमेंट्री या अनुपूरक सवाल पूछ सकता है. अगर उसी सवाल से किसी और सदस्य का सवाल है तो वो भी एक सप्लीमेंट्री सवाल कर सकता है. प्रश्न काल के अंत में अल्प सूचना वाले प्रश्नों को भी लिया जाता है और उसी तरह से उत्तर दिए जाते हैं.

सवाल करने के बारे में लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम 32 से 54 तक दर्ज हैं. सवाल पूछने के लिए सांसद पहले लोकसभा के महासचिव को एक नोटिस देता है जिसमें सवाल का जिक्र होता है. नोटिस में मंत्रालय और ऑफिसियल पदनाम के साथ साथ उस तारीख का जिक्र होता है जिस दिन जवाब मंत्री को देना होता है. संसद सदस्य एक दिन में एक से अधिक सवालों के संबंध में नोटिस भेज सकता है. हालांकि मौखिक और लिखित जवाब के लिए कुल पांच से अधिक नोटिफिकेशन की अनुमति नहीं है. इन सबके बीच किसी प्रश्न की सूचना अवधि 15 दिन से कम नहीं होती है.

क्या संसद सदस्य सभी तरह के सवाल पूछ सकते हैं तो इसका जवाब यह है कि नहीं. संसद सदस्य कोई ऐसा सवाल नहीं कर सकता जिसके किसी का चरित्र हनन होता है, आचरण से जुड़ा सवाल नहीं कर सकते. या ऐसे सवाल जो पहले किए जा चुके हों और उसे दोबारा पूछा जा रहा तो उन सवालों की भी अनुमति नहीं है. इसके अलावा अगर कोई मामला कोर्ट या किसी संसदीय समिति के विचारधीन हो तो उसे भी पूछने की इजाजत नहीं है, इसके साथ ही किसी मित्र देश के संबंध में मानहानि करने वाले सवालों को नहीं पूछा जा सकता.