वीर बाल दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए PM मोदी, जानें.. इसे क्यों मनाया जाता है?
Know why the Veer Bal Diwas program in which PM Narendra Modi participated is celebrated. जानें जिस वीर बाल दिवस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी शामिल हुए उसे क्यों मनाया जाता है.
वीर बाल दिवस (Veer Baal Diwas) के मौके पर भारत मंडपम (bharat mandapam) में आयोजित कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) शामिल हुए. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मार्च-पास्ट को भी हरी झंडी दिखाएंगे. वीर बाल दिवस सिख धर्म के लिए लिए महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'वीर साहिबजादों से पूरा देश प्रेरणा ले रहा है. जब अन्याय और अत्याचार का घोर अंधकार था तब भी निराशा को पल भर के लिए भी हावी नहीं होने दिया. हम भारतीयों ने स्वाभिमान के साथ अत्याचारियों का सामना किया. हर आयु के हमारे पूर्वजों ने सर्वोच्च बलिदान दिया. उन्होंने अपने लिए जीने के बजाय इस मिट्टी के लिए मरने का संकल्प लिया. जब तक हमने अपनी विरासत का सम्मान नहीं किया तब तक दुनिया ने भी हमारी विरासत को भाव नहीं दिया. आज जब हम अपनी विरासत पर गर्व करना शुरू किया है तब दुनिया का नजरिया भी बदला है.'
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi attends the ‘Veer Baal Diwas’ celebration programme at Bharat Mandapam.
— ANI (@ANI) December 26, 2023
On the occasion, the Prime Minister will also flag off a march-past. pic.twitter.com/x7zNOmudjT
उन्होंने आगे कहा, 'आज पूरी दुनिया भारतभूमि को अवसरों की भूमि मान रही है. आज भारत उस स्टेज पर है जहां बड़ी वैश्विक चुनौतियों के समाधान में भारत बड़ी भूमिका निभा रहा है. हमें इस मिट्टी की आनबान शान के लिए जीना है. हमें देश को बेहतर बनाने के लिए जीना है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत का युवा किसी भी क्षेत्र में, किसी भी समाज में पैदा हुआ हो, उसके सपने असीम हैं. इन सपनों को पूरा करने के लिए सरकार के पास स्पष्ट रोड मैप है.'
क्यों मनाया जाता है ये दिन?
हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप मनाया जाता है. इस दिन सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के चार बेटों - अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह, और फतेह सिंह की वीरता और बलिदान को याद किया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी 2022 को गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व के दिन, 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी. गुरु गोबिंद सिंह के चारों बेटों को 19 साल की उम्र से पहले ही मुगल सेना ने मार डाला था.
दरअसल, गुरुजी गोबिंद सिंह और उनकी सेना पर मुगल सेना ने हमला कर दिया था. आनंदपुर साहिब किला संघर्ष का प्रारंभिक केंद्र था. सरसा नदी के तट पर एक लंबी लड़ाई के बाद परिवार अलग हो गए. नवाबों ने साहिबजादों को इस्लाम अपनाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. युवा लड़कों के इस निडर रवैये से मुगल सम्राट गुस्से से आग बबूले हो गए. इसके परिणामस्वरूप उन्हें तुरंत दीवारों के बीच उन बहादूर लड़को को दफन कर दिया. इतिहास में ये घटना बाद में साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह के सर्वोच्च बलिदान के रूप में मनाया जाने लगा.