दिल्ली मार्च की रफ्तार पङी धीमी, क्या है किसानों का प्लान?

अगर बीजेपी की सरकार किसानों को उनका अधिकार यानी एमएसपी नहीं देती है तो पंजाब सरकार एमएसपी के अंतर्गत आने वाली सभी 22 फसलों को एमएसपी की दर पर खरीदेगी. If the BJP government does not give the farmers their right i.e. MSP, then the Punjab government will buy all the 22 crops under MSP at the MSP rate.

दिल्ली मार्च की रफ्तार पङी धीमी,  क्या है किसानों का प्लान?

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आप सरकार पर दबाव बनाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल, मौजूदा मुख्यमंत्री भगवंत मान और कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान ने विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि अगर बीजेपी की सरकार किसानों को उनका अधिकार यानी एमएसपी नहीं देती है तो पंजाब सरकार एमएसपी के अंतर्गत आने वाली सभी 22 फसलों को एमएसपी की दर पर खरीदेगी. क्योंकि बीजेपी सरकार भाग गई है. उनका किसानों से कोई लेना-देना नहीं है. पंजाब के किसानों को केंद्र सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. इसलिए आज मैंने शर्मा साहब से विशेष रूप से कहा है कि इस सत्र में सबसे पहले आम आदमी पार्टी एक विशेष कानून लेकर आएं.

इस कानून के तौर पर पंजाब में हमारे किसानों द्वारा बोई गई सभी फसलों को राज्य में एमएसपी दरों पर खरीदा जाए. इसमें मैंने उनसे यह भी कहा है कि जहां सरकार नहीं खरीदती है, वहां आप यह सुनिश्चित करें कि अगर कोई प्राइवेट अधिकारी खरीदता है तो वह एमएसपी से नीचे रेट पर नहीं खरीद सके. अगर रेट एमएसपी से नीचे गया तो उस पर केस दर्ज होगा और किसानों को सही कीमत दिलाना सरकार का कर्तव्य होगा.

दिल्ली मार्च की धीमी पङी रफ्तार 

शंभू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन की रफ्तार अब धीमी होती नजर आ रही है. एक तरफ जहां शंभू मोर्चा पर किसानों की संख्या कम होती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली मार्च का कार्यक्रम 29 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है. किसान अब सीधे टकराव से बचना चाहते हैं. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा है कि अगर युवा ही नहीं रहेंगे तो जमीनें लेकर क्या करेंगे. हालांकि, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर सभी किसान संगठन सरकार के खिलाफ अपना शांतिपूर्ण विरोध जारी रखेंगे.

क्या है किसानों का प्लान

  • 24 फरवरी- शाम को 21 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह और तीन अन्य किसानों की मौत पर श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर में कैंडल मार्च निकाला जाएगा.
  • 25 फरवरी: शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों को विश्व व्यापार संगठन की नीतियों से अवगत कराया जाएगा.
  • 26 फरवरी: देशभर के गांवों में डब्ल्यूटीओ के पुतले जलाए जाएंगे और दोपहर 3 बजे के बाद दोनों सीमाओं पर पुतले जलाए जाएंगे.
  • 27 फरवरी: एसकेएम (गैर-राजनीतिक) की राष्ट्रीय समिति और किसान मजदूर संघर्ष समिति की दोनों सीमाओं पर बैठक होगी और अगले दिन उनकी संयुक्त बैठक होगी.

पीएम मोदी से की अपील 

हरियाणा-पंजाब सीमा के खनौरी बॉर्डर पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प में शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी.  इसे लेकर एसकेएम हरियाणा सरकार से बेहद नाराज है. एसकेएम ने मांग की है कि किसान की 'हत्या' को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज के खिलाफ एफआईआर हो. वहीं दूसरी ओर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने की गुजारिश की है. पंढेर ने एक बार फिर से पीएम मोदी से एमएसपी पर आश्वासन देने की बात की है. पंढेर ने कहा कि पीएम आकर बयान दें कि हम एमएसपी गांरटी का कानून बनाएंगे.