मुस्लिमों पर हुआ अत्याचार, Asaduddin Owaisi ने सरकार पर उठाए सवाल

सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें सड़क पर नमाज पढ़ रहे मुस्लिमों पर एक पुलिस अधिकारी ने लात मारी. Recently a video went viral on social media, in which a police officer kicked Muslims offering Namaz on the road.

मुस्लिमों पर हुआ अत्याचार, Asaduddin Owaisi ने सरकार पर उठाए सवाल

सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें सड़क पर नमाज पढ़ रहे मुस्लिमों पर एक पुलिस अधिकारी ने लात मारी. देखते ही देखते ये वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हो गया, ये वीडियो दिल्ली के इंद्रलोक इलाके का बताया जा रहा है. अब इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री हो गई है और उन्होने इस मामले में खूब बयान दिए हैं और घटना का जमकर विरोध जताया है. 

क्या कहते है असदुद्दीन ओवैसी?  

AIMIM चीफ ने मामले में कहा कि दिल्ली के इंद्रलोक में हुई घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है. ये बताता है कि देश में किस प्रकार मुस्लिमों का आदर सम्मान हो रहा है. मैं प्रधानमंत्री और भाजपा के लोगों से पूछना चाहता हूं कि जिस व्यक्ति का अपमान किया वो किस परिवार से है ?

एक्स पर किया पोस्ट 

उन्होने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि जो पुलिस वाला नमाज़ियों को लात मार रहा था, उसे तो सस्पेंड कर दिया गया, लेकिन हम सब जानते हैं उसे इतनी हिम्मत इसी लिये आयी क्योंकि समाज के एक बड़े हिस्से में अब मुसलमानों के साथ ऐसा सुलूक करना गर्व की बात हो चुकी है. 

पुलिस वाले की गुलपोशी होगी, और शायद उसे भाजपा वाले अपना कैंडिडेट भी बना दें, जो लोग 'सड़क अधिकार रक्षक' बन रहे हैं, वो ये बताएं कि गुड़गाँव में तो मुसलमान पुलिस परमिशन से एक ख़ाली प्लॉट में नमाज़ पढ़ते थे, संघियों को वो भी नहीं पचा. कई मज़हबी और ग़ैर-मज़हबी लोग सड़कों का सांस्कृतिक काम के लिए इस्तेमाल करते हैं, लेकिन नमाज़ से चिढ़ इसी लिये है क्योंकि इस्लाम के ख़िलाफ़ नफ़रत अब आम हो गई है. 

बहरहाल इस मामले में सियासत खूब गरमाई हुई है और सोशल मीडिया पर भी लोग दो धड़ों में बंट गए हैं एक पक्ष ने इस घटना को निंदनीय बताया है तो दूसरे पक्ष का कहना है कि सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए. मामले में पुलिस अधिकारी को सस्पेंड तो किया जा चुका है लेकिन सवाल ये है कि क्या ये करना सही था ?