Uttarkashi Tunnel: भेद दी लोहे की दीवार! 12 दिन बाद 41 लोगों को मिलेगी जिंदगी

Rescue operation is going on to rescue the workers trapped in the tunnel of Uttarkashi. उत्तरकाशी की टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेसक्यू ऑपरेशन जारी है.

Uttarkashi Tunnel: भेद दी लोहे की दीवार! 12 दिन बाद 41 लोगों को मिलेगी जिंदगी

उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन के 12वें दिन बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है. बहुत जल्द ही मजदूर टनल से बाहर आने वाले हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन अंतिम चरण में चल रहा है. लोहे की दीवार को भेद लिया गया है और अब बस इंतजार है टलन से मजूदरों के बाहर आने का, जो कुछ ही घंटों में खत्म हो सकता है.

रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम चरण में आई बाधा

उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा ढहने की वजह से 12 नवंबर से 41 जिंदगियां अंदर ही फंसी है. इस हादसे की सूचना मिलते ही NDRF, SDRF समेत तमाम एंजेसियों ने मजदूरों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. हालांकि इस अभियान के दौरान कई तरह की बाधाएं भी आई. 

सरिया काटकर आगे बढ़ा अभियान

ऐसी ही एक बाधा का सामना रेस्क्यू के अंतिम चरण में भी आई, जिसकी वजह से अभियान में रुक गया था. दरअसल, आखिरी समय में ऑगर मशीन के सामने सरिया आने की वजह से रेस्क्यू पाइप बिछाने में बाधा आई, जिस वजह से थोड़ी देर के लिए ड्रिलिंग के काम को रोकना पड़ा. इसके बाद NDRF और ड्रिलिंग टीम ने मिलकर सरिया काटा और रेस्क्यू ऑपरेशन को आगे बढ़ाया. 

एंबुलेंस, 41 बेड का अस्पताल तैयार

वहीं, टनल के बाहर भी पूरी तैयारियां कर ली गई है. एम्बुलेंस को तैयार रखा गया है और घटनास्थल पर चिकित्सकों को भी बुलाया गया. मजदूरों के बाहर आते ही उनके मेडिकल परीक्षण के लिए 41 बेड का अस्पताल भी तैयार है. वहीं, मजदूरों की हालत खराब होने की स्थिति में उन्हें एयरलिफ्ट भी किया जा सकता है.