किसान आंदोलन के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाही करने पर मजबूर है, किया आवेदन
पुलिस आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाही करने पर मजबूर है. The police is forced to take strict action against the agitating farmers.
एमएसपी गारंटी कानून सहित अन्य मांगों को लेकर शुरू हुआ किसान आंदोलन अब एक बड़ा रुप लेता दिखाई दे रहा है. जहां एक तरफ किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं वहां दूसरी तरफ पुलिस भी आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाही करने पर मजबूर है. दरअसल किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस जवानों को भी नुकसान पहुंचा है. अंबाला पुलिस ने इसे लेकर एक नोटिस जारी किया और यह जानकारी दी कि किसान संगठनों के मुख्य पदाधिकारियों और आंदोलनकारियों के खिलाफ रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980) के तहत कार्रवाही शुरू की जाएगी.
अंबाला पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया है कि किसानों को दिल्ली कूच करने से रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स को किसान संगठनों के किसानों द्वारा तोड़ने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा किसानों की तऱफ से पुलिस प्रशासन पर पत्थरबाजी की जा रही है, हुड़दंग करके कानून व्यवस्था को बिगाड़वे की कोशिश की जा रही है.
पुलिस का क्या बै कहना ?
पुलिस की तरफ से बताया गया है कि अब तक किसानों की तरफ से किए गए उपद्रव के कारण पुलिस के 30 जवान घायल हो चुके हैं. इसके अलावा दो जवानों की मौत हो चुकी है. जबकि एक पुलिस के जवान को ब्रेन हैमरेज हो गया है. अंबाला पुलिस की तरफ से कहा गया है कि इस आंदोलन में कई किसान नेता सक्रिय भूमिका में है और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं.
पुलिस का कहना है इस आंदोलन में बयानबाजी के जरिए लगातार आंदोलनकारियों को प्रशासन के खिलाफ भड़काया जा रहा है. इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियो और सरकार के खिलाफ गलत शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है. आंदोलन की आड़ में उपद्रवियों भयंकर उत्पात भी मचाया जा रहा है. इसलिए अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राष्ट्रीयस सुरक्षा अधिनियम एक्ट के तहत किसान संगठनों के पदाधिकारियो को नजरबंद करने की कार्रवाही प्रशासन द्वारा अमल में लाई जा रही है.
शांति की मांग कर रही पुलिस
हरियाणा अंबाला रेंज के आईजीपी सिबाश कबिराज ने कहा कि "सभी संबंधितों को यह स्पष्ट किया जाता है कि जिला अंबाला के कुछ फार्म यूनियन नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा. हरियाणा पुलिस प्रदर्शनकारियों और उनके नेताओं से शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपील करती है.'