Hit And Run Law: ट्रक ड्राइवरों ने किया विरोध प्रदर्शन, कई राज्यों के पेट्रोल पंपों पर लगी लंबी कतारें
ट्रक ड्राइवर्स इस कानून को गलत बता रहे हैं और कह रहे हैं कि दुर्घटना के बाद अगर वे नहीं भागेंगे तो भीड़ उनपर हमला करेगी. Truck-bus drivers in UP Bihar MP Maharashtra Chhattisgarh protest against Hit And Run Law:
हिट एंड रन कानून को लेकर ट्रक ड्राइवर्स हड़ताल पर चले गए हैं और जमकर बवाल कर रहे है. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसकी वजह से पेट्रोल पंप पर लोगों की लंबी लाइनें लगी हुई है जिससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है. कहा जा रहा है कि यह विरोध प्रदर्शन किसी बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है. कई जगहों पर चक्काजाम किए जाने की खबरें भी सामने आ रही है.
छत्तीसगढ़ में हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन की वजह से राजधानी रायपुर में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखने को मिली. वहीं मध्य प्रदेश में भी इस कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन की वजह से राजधानी भोपाल में पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिली. वहीं महाराष्ट्र में भी इस कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन की वजह से नागपुर में पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिलीं. चालक दिल्ली, हरियाणा, बिहार और यूपी में भी ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल और चक्काजाम कर रखे है.
#WATCH महाराष्ट्र: हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन के कारण नागपुर में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखने को मिली। pic.twitter.com/mjLU89anqp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 2, 2024
क्या हिट एंड रन कानून
हिट एंड रन के नए कानून के मुताबिक अगर कोई ड्राइवर दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाता है और केस दर्ज नहीं कराता है तो उसे 10 साल तक की जेल हो सकती है जिसके साथ जुर्माने भी देना पड़ेगा. लेकिन ट्रक ड्राइवर्स इस कानून को गलत बता कर कहते है कि इससे तो उनको परेशानी होगी, क्योंकि एक्सीडेंट होने के बाद भागने पर सजा मिलेगी लेकिन अगर वे नहीं भागेंगे तो भीड़ उनपर हमला कर देगी.
ट्रक चालकों की मांग है कि नियमों में नरमी बरती जाए. पहले वाले कानून में सिर्फ 2 साल की सजा का प्रावधान था, ऐसा देखा गया है कि एक्सीडेंट के बाद चालक भाग जाते हैं जिससे घायलों को समय से अस्पताल नहीं पहुंचाया जा पाता है और उनकी मौत हो जाती है. अगर समय रहते अस्पताल पहुंचाया जाए तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है.