कश्मीरी छात्रों ने मनाया था भारत की हार का जश्न! पुलिस ने 'कांड' कर दिया

Kashmiri students who celebrated India's defeat in the World Cup have been arrested by the police. वर्ल्ड कप में भारत की हार का जश्न मनाने वाले कश्मीरी छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

कश्मीरी छात्रों ने मनाया था भारत की हार का जश्न! पुलिस ने 'कांड' कर दिया

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की एक एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सात स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया गया है. इन सभी स्टूडेंट्स पर वर्ल्ड कप 2023 (World cup 2023) के फाइनल में भारत की हार का जश्न मनाने का आरोप लगा है. साथ ही इन स्टूडेंट्स पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान समर्थक नारे भी लगाए थे. इन स्टूडेंट्स को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामला शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी का है. जहां एक छात्र की शिकायत के बाद पुलिस ने ये कार्रवाई की है. शिकायतकर्ता के मुताबिक इंडियन टीम का सपोर्ट करने की वजह से आरोपी स्टूडेंट्स ने उनके साथ गाली-गलौज की और परेशान किया. साथ ही शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी छात्रों ने उन्हें गोली मारने की धमकी भी दी. जिससे जम्मू-कश्मीर के बाहर के छात्रों में डर पैदा हो गया.

रिपोर्ट के अनुसार, छात्र की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. इसके बाद श्रीनगर के गांदरबल थाने में UAPA की धारा 13 और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 505 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने कहा कि, मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच की जा रही है.

यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने भी इन छात्रों के गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा पुलिस यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में पहुंची और आरोपी स्टूडेंट्स को अरेस्ट कर लिया है. यूनिवर्सिटी के अधिकारी लगातार पुलिस के संपर्क में हैं और मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. गिरफ्तार किए गए सभी लोग बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस के फोर्थ ईयर के स्टूडेंट हैं.

वहीं इस मामले को लेकर बैचलर ऑफ वेटनरी साइंस के एक अधिकारी ने कहा कि हॉस्टल में लगभग 300 स्टूडेंट्स रहते हैं, जिनमें से 30-40 पंजाब, राजस्थान और अन्य राज्यों से हैं. 19 नवंबर की रात को स्टूडेंट्स के बीच लड़ाई हुई थी. जहां कश्मीर के बाहर के छात्रों ने आरोप लगाया कि स्थानीय छात्रों ने भारत की हार का जश्न मनाया और उन्हें परेशान किया. दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है कि वार्डन या संस्था के किसी अन्य अधिकारी से कोई शिकायत नहीं की गई. छात्र सीधे पुलिस के पास पहुंच गए. अब उन्होंने घटना के संबंध में कोई सबूत प्रस्तुत किया या नहीं, यह तो पुलिस ही जानती है.