Parliament Budget Sesion 2024 : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र को किया संबोधित, इस खास बातों का किया जिक्र।

राष्ट्रपति के संबोधन के साथ ही बजट सत्र 2024 का आगाज हो चुका है, जिसका शुभांरम राष्ट्रपित द्रौपदी मुर्मू ने किया. The budget session 2024 has started with the President's address, which was inaugurated by President Draupadi Murmu.

Parliament Budget Sesion 2024 : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र को किया संबोधित, इस खास बातों का किया जिक्र।

आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो चुका है, जो 1 फरवरी से 9 फरवरी तक चलेगा. बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति का संबोधन होता है, आज के सत्र के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन से संसद पहुंचीं और यहां उन्होंने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत सभी बड़े नेता और सांसद सदन में पहुंचे. 

राष्ट्रपति ने संबोधित करते हुए क्या कहा? 

बजट सत्र की शुरुआत में अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अमृतकाल की शुरुआत में यह भवन बना है, यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की महक भी है. मुझे पूरा विश्वास है कि इस नए भवन में नीतियों पर सार्थक संवाद होगा, ऐसी नीतियां जो आजादी के अमृत काल में विकसित भारत का निर्माण करेंगी. हम सभी बचपन से गरीबी हटाओ के नारे सुनते आ रहे हैं, लेकिन अब हम बड़े पैमाने पर गरीबी को दूर होते देख रहे हैं. 

राष्ट्रपति ने कहा कि बीता वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है. भारत सबसे तेजी से विकसित होने वाली एक बड़ी अर्थव्यवस्था बना, लगातार दो तिमाही से भारत की विकास दर 7.5% से ज्यादा रही है, भारत को अपना सबसे बड़ा समुद्री पुल अटल सेतु मिला.    

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को अपनी पहली नमो भारत ट्रेन और पहली अमृत भारत ट्रेन मिली, भारत की एयरलाइन कंपनी ने दुनिया की सबसे बड़ी एयरक्राफ्ट डील की. आज दुनिया के कुल रियल टाइम डिजिटल लेनदेन का 46 प्रतिशत भारत में होता है. पिछले महीने UPI से रिकॉर्ड 1200 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए हैं, इसके तहत 18 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड लेनदेन हुआ है. 

राष्ट्रपति ने कहा कि बीते वर्षों में विश्व ने दो बड़े युद्ध देखे और कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का सामना किया, ऐसे वैश्विक संकटों के बावजूद सरकार ने देश में महंगाई को काबू में रखा, सामान्य भारतीय का बोझ नहीं बढ़ने दिया. आतंकवाद हो या विस्तारवाद, हमारी सेनाएं आज ‘जैसे को तैसा’ की नीति के साथ जवाब दे रही हैं. जम्मू कश्मीर में आज सुरक्षा का वातावरण है. आज वहां हड़ताल का सन्नाटा नहीं, भीड़भाड़ बाजार की चहल-पहल है, नॉर्थ-ईस्ट में अलगाववाद की घटनाओं में भारी कमी आई है.