Uttarkashi Tunnel Accident Live: 57 घंटे, 40 जिंदगियां... टनल में हर सांस के लिए चल रही जंग, बड़े स्टील पाइप डालने का काम शुरू

Uttarakhand Tunnel Accident Live: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हर सांस के लिए जंग चल रही है. टनल में फंसे 40 मजूदरों कों बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है.

Uttarkashi Tunnel Accident Live: 57 घंटे, 40 जिंदगियां... टनल में हर सांस के लिए चल रही जंग, बड़े स्टील पाइप डालने का काम शुरू

लोगों की एक टीम निर्माणाधीन सुरंग के अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बचाने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत कर रही है। सुरंग ढह गई और अब उन्हें बाहर निकलने के लिए मदद की ज़रूरत है। सभी को बाहर निकालने में कुछ दिन और लग सकते हैं। सरकार ने विशेषज्ञों के एक समूह से यह पता लगाने के लिए भी कहा है कि दुर्घटना क्यों हुई। प्रधानमंत्री यह भी सुनिश्चित करने के लिए श्रमिकों की जांच कर रहे हैं कि वे ठीक हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर वार्ता की और पूरी घटना पर जानकारी ली है. केंद्र की तरफ से हर संभव मदद के लिए भी कहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम को बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया है और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रख रहे हैं. बचाव कार्य के लिए बड़े व्यास के ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजे जाने की व्यवस्था कर दी गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है. 

अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दो बार स्थिति की जानकारी ले चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रेल मंत्री भी सीएम धामी से इस विषय में बात कर चुके हैं. केंद्रीय एजेंसियां और एक्सपर्ट मौके पर मौजूद हैं. लगातार मजदूरों को बचाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए तमाम एजेंसियां लगी हुई हैं. अब तक 40 मीटर से ज्यादा सुरंग से मलबा निकाला जा चुका है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हर घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ले रहे हैं. 

रविवार सुबह घटना के तत्काल बाद से ही फंसे श्रमिकों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है जबकि रविवार मध्यरात्रि के बाद मजदूरों से संपर्क स्थापित होने पर उन्हें पेयजल और खाने के पैकेट भी पाइपलाइन के माध्यम से कंप्रेसर की मदद से दवाब बनाकर भेजे जा रहे हैं.