केजरीवाल पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार! समझें ED का पूरा खेल
ED has sent fourth summons to CM Kejriwal in Delhi liquor policy case. दिल्ली शराब नीति केस में ईडी ने सीएम केजरीवाल को चौथा समन भेजा है.
आम आदमी पार्टी के सिताने इन दिनों गर्दिश में हैं...नेताओं में होड़ लगी है जेल जाने की....भ्रष्टाचार के मामलों में एक बाद एक पार्टी के 10 से ज्यादा नेता जेल की हवा खा चुके हैं...वहीं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे बड़े नेता तो अभी भी जेल की रोटियां तोड़ रहे हैं...वहीं, अब खबरें हैं कि, जल्द ही सीएम अरविंद केजरीवार का भी जेल जाने का नंबर लग सकता है...शराब नीति घोटावे में सीएम केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं....
दरअसल, तीन बार समन मिलने के बावजूद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे. वहीं, ईडी ने शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले में अरविंद केजरीवार को चौथा समन थमा दिया है....यानी चौथी बार केजरीवाल को इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि, अगर चौथी बार भी पेश नहीं होते हैं तो आगे क्या होगा? क्या ईडी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है? संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए केजरीवाल के सामने आखिर क्या विकल्प हैं? पूरा मामला क्या है? आइए समझते हैं. लेकिन, उससे पहले ये जान लीजिए कि, आखिर ये केस क्या है? जिसने अरविंद केजरीवाल की नींद उड़ा रखी है...
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है. आरोप है कि, शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने संबंधी दिल्ली सरकार की 2021-22 की एक्साइज पॉलिसी में घोर खामियां थीं. इसके जरिए कुछ डीलर का पक्ष लिया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी. इसी मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह पहले ही जेल में बंद हैं. ईडी ने इस मामले में कोर्ट में दाखिल छठी चार्जशीट में दावा किया है कि, एक्साइज पॉलिसी के बाद रिश्वत के तौर पर मिली 45 करोड़ रुपये की रकम का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में किया था.
साथ ही ईडी का दावा है कि, एक्साइज पॉलिसी के सिलसिले में आम आदमी पार्टी के नेताओं को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली. इस मामले में ईडी की तरफ से कोर्ट में दाखिल किए गए. अबतक की 6 चार्जशीट में से एक में एजेंसी ने दावा किया है कि, एक्साइज पॉलिसी अरविंद केजरीवाल की ही 'ब्रेन चाइल्ड' थी. इसके अलावा ईडी का दावा है कि, एक्साइज पॉलिसी की अनियमितताओं की वजह से सरकारी खजाने को 2,873 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. हालांकि, आम आदमी पार्टी इन सभी आरोपों को खारिज करती रही है.
बता दें कि, सबसे पहले ईडी ने उन्हें पिछले साल 2 नवंबर को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था. जब वह पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे तब एजेंसी ने फिर दूसरा समन जारी करते हुए उन्हें 21 दिसंबर को बुलाया था. केजरीवाल तब भी नहीं गए. उसके बाद ईडी ने फिर तीसरी बार समन भेज उन्हें इस साल 3 जनवरी को बुलाया था. केजरीवाल तीसरी बार भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए. अब ईडी ने चौथा समन भेजते हुए उन्हें 18 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है. अगर चौथी बार भी ईडी के सामने अरविंद केजरीवाल पेश नहीं होते हैं तो उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगेगी.
दरअसल, कोई व्यक्ति ईडी के समन को 3 बार ही नजरअंदाज कर सकता है. इसके बाद भी अगर वह समन को नजरअंदाज करता है तो एजेंसी अदालत से उसके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी करा सकती है. गैर-जमानती वॉरंट के बाद भी अगर कोई शख्स पेश नहीं होता है तो एजेंसी उसे गिरफ्तार कर सकती है. यानी अगर इस बार केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए तो उनकी गिरफ्तारी लगभग तय मानी जा रही है.