कौन थे आचार्य विद्यासागर महाराज, जिन्होंने ली अचानक, पीएम मोदी शेयर किया पोस्ट?

आचार्य विद्यासागर महाराज ने रविवार सुबह तीन दिन के उपवास के बाद पार्थिव देह त्याग दिया है. Acharya Vidyasagar Maharaj left his mortal remains on Sunday morning after fasting for three days.

कौन थे आचार्य विद्यासागर महाराज, जिन्होंने ली अचानक, पीएम मोदी शेयर किया पोस्ट?

प्रख्यात जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज की रविवार सुबह छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरि तीर्थ में मृत्यु हो गई. उन्होंने 77 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर दुख जताया और एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा कि मेरी भावनाएं आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज के भक्तों के साथ हैं, समाज के लिए उनके योगदानों के लिए उन्हें आने वाली कई पीढ़ियां याद रखेंगी. 

पीएम मोदी ने पिछले साल छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल डोंगरगढ़ गए थे. वहीं उनकी आचार्य विद्यासागर महाराज से भी मुलाकात की और उनके चरण छूकर उनसे आशीर्वाद लिया और एक्स पर इसकी जानकारी शेयर कर लिखा कि आचार्य विद्यासागर महाराज ने अध्यात्म, गरीबी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण कार्य किए थे और लोगों को जागरूक करने का काम किया.  

कौन थे आचार्य विद्यासागर महाराज? 

विद्यासागर महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक के बेलगाम जिले में कन्नड़ बोलने वाले जैन परिवार में हुआ था, जिस घर में उनका जन्म हुआ था वो वह अब एक मंदिर और संग्रहालय बन चुका है. साल 1968 में 22 साल की उम्र में उन्होंने दिगंबर साधु के रूप में शुरुआत की और उनके छोटे भाई योगसागर महाराज और समयसागर महाराज ने ब्रह्मचर्य व्रत ले लिया था और बाद में मुनि बन गए थे. 

साल 1972 में उन्हें आचार्य की उपाधि मिली थी. बता दें कि आचार्य नमक, चीनी, दूध, घी, तेल और जैन धर्म में पारंपरिक रूप से प्रतिबंधित खाद्य पदार्थों जैसे आलू व प्याज आदि का सेवन नहीं करते हैं. वह एक समय भोजन करते थे और जमीन पर या लकड़ी के तख्त पर बिना गद्दा या तकिया के सोया करते थे. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें राजकीय अतिथि सम्मान देने की घोषणा की थी, जिसे लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एक प्रोटोकॉल भी जारी किया गया था.