1 अप्रैल से बैंक संबंधी नियमों में बदलाव, कहीं लगेगा शुल्क, कहीं बदली सर्विस

इंश्योरेंस संबंधी और क्रेडिट-डेबिट कार्ड संबंधी नियमों में बदलाव के बारे में. भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक समेत अन्य बैंकों ने इससे जुड़े रिवॉर्ड और चार्जेस में बदलाव किए हैं. Regarding changes in insurance related and credit-debit card related rules. State Bank of India, Axis Bank, HDFC Bank and other banks have made changes in the rewards and charges related to it.

1 अप्रैल से बैंक संबंधी नियमों में बदलाव, कहीं लगेगा शुल्क, कहीं बदली सर्विस

1 अप्रैल 2024 से कई नियमों में बदलाव हुआ है, जो लोगों की जेब पर सीधा असर डाल सकता है. इंश्योरेंस संबंधी और क्रेडिट-डेबिट कार्ड संबंधी नियमों में बदलाव के बारे में. भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक समेत अन्य बैंकों ने इससे जुड़े रिवॉर्ड और चार्जेस में बदलाव किए हैं. 

HDFC की NEFT ट्रांजैक्शन सर्विस 

HDFC ने अपने ग्राहकों से कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 खत्म होने को लेकर व्यवस्ता के बीच 1 अप्रैल 2024 को बैंक की बाहरी NEFT ट्रांजैक्शन सेवा काम नहीं करेगी. ग्राहक IMPS, RTGS या UPI के जरिए ट्रांजैक्शन करें. फाइनेंशियल ईयर खत्म हो रहा है और इसे लेकर किए जाने वाले प्रोसेस के चलते 1 अप्रैल 2024 को बाहरी NEFT ट्रांजैक्शन में देरी हो सकती है और संभावना है कि ये ट्रांजैक्शन ही न हो पाएं. किसी भी परेशानी पर हेल्पलाइन नंबर 18001600/1800 2600 पर ग्राहक कॉल कर सकते हैं.

SBI क्रेडिट कार्ड के नियम में बदलाव

SBI ने क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए 1 अप्रैल 2024 से क्रेडिट कार्ड के जरिए किराए का भुगतान करने पर अब यूजर्स को रिवार्ड प्वाइंड नहीं मिलेंगे. नया नियम अन्य SBI के अन्य कार्ड के साथ ही AURUM, SBI कार्ड एलीट, SBI कार्ड एलीट एडवांटेज, SBI कार्ड पल्स और सिंपलीक्लिक SBI कार्ड पर भी लागू होगा. साथ ही क्रेडिट कार्ड के लिए किराया भुगतान लेनदेन पर रिवॉर्ड प्वाइंट का कलेक्शन 15 अप्रैल 2024 को समाप्त हो जाएगा.

SBI डेबिट कार्ड नियमों में बदलाव 

SBI ने डेबिट कार्ड से संबंधित सालावा रखरखाव शुल्क में बदलाव किया है. नई शुल्क दरों को 1 अप्रैल 2024 से लागू किया गया जिसके अनुसार क्लासिक डेबिट कार्ड, सिल्वर डेबिट कार्ड, ग्लोबल डेबिट कार्ड, कॉन्टैक्टलेस डेबिट कार्ड सहित अन्य कार्ड के सालाना रखरखाव शुल्क पहले 125 रुपये +जीएसटी था, वहीं अब ये शुल्क बढ़ाकर 200 रुपये + जीएसटी कर दिया है. इसके अलावा युवा डेबिट कार्ड, गोल्ड डेबिट कार्ड, कॉम्बो डेबिट कार्ड, माई कार्ड जैसे डेबिट कार्ड के लिए सालाना रखरखाव शुल्क पहले 175 रुपये +जीएसटी था, वहीं अब बढ़ाकर 250 रुपये  +जीएसटी कर दिया गया है. इसी तरह प्लैटिनम डेबिट कार्ड और प्रीमियम बिजनेस डेबिट कार्ड पर शुल्क बढ़ोत्तरी की गई है. 

Axis Bank डेबिट कार्ड बेनेफिट्स में बदलाव 

Axis बैंक ने अपने बरगंडी, डिलाइट, प्रायोरिटी और अन्य डेबिट कार्ड के एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस संबंधी नियमों में बदलाव किया है. इसके अलावा बैंक ने बुकमायशो ऑफर, रिवॉर्ड प्वाइंट नियम और अपने डेबिट कार्ड के अंतरराष्ट्रीय उपयोग से संबंधित स्पेशल बेनेफिट्स में भी बदलाव किए, जिसे लेकर Axis बैंक ने अपने ग्राहकों को 21 मार्च 2024 को भेजे ईमेल में कहा कि नए बदलाव 1 मई 2024 से लागू होंगे.  

Yes Bank यूटिलिटी ट्रांजैक्शन चार्जेस 

Yes Bank ने 'प्राइवेट' क्रेडिट कार्ड वैरिएंट को छोड़कर अपने सभी तरह के क्रेडिट कार्ड के बेनेफिट्स में बदलाव किया है और ट्रांजैक्शन शुल्क भी लागू कर दिया है. यूटीलिटी ट्रांजैक्शन के लिए अतिरिक्त शुल्क की शर्तों में भी बदलाव हुआ है. ये सभी संशोधित बदलाव 1 मई 2024 से प्रभावी होंगे. Yes Bank भारत में पहला क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता है जो 1 मई 2024 से यूटिलिटी ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी शुल्क लागू करेगा.

Insurance Policy के नियमों में बदलाव 

भारतीय बीमा नियामक IRDAI ने बीमा पॉलिसी सरेंडर करने के नियमों में बदलाव किए है, जो 1 अप्रैल से लागू हो गए है. इन नियमों के अनुसार ग्राहक जितनी अवधि में पॉलिसी को सरेंडर करेगा उसे उतनी ज्यादा सरेंडर वैल्यू मिलेगी. बता दें कि अगर कोई पॉलिसीहोल्डर मैच्योरिटी से पहले अपनी पॉलिसी को सरेंडर करता है तो उसे जमा की गई राशि के कमाई और बचत के हिस्से का भुगतान किया जाता है. यदि कोई ग्राहक पॉलिसी खरीदने के 3 साल के भीतर ही पॉलिसी को सरेंडर कर देता है तो उसे सरेंडर वैल्यू से कम रकम मिल सकती है. जबकि अवधि पूरी होने पर सरेंडर वैल्यू में कुछ ज्यादा मिल सकती है. 

Insurance Policy डिजिटल तरीके 

भारतीय बीमा नियामक IRDAI ने इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए डिजिटलाइजेशन को अनिवार्य कर दिया है और यह नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू किया जा रहा है. इसके तहत लाइफ, हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस सहित अलग-अलग केटेगरी की सभी इंश्योरेंस पॉलिसी इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी की जाएंगी. ई-इंश्योरेंस (E-insurance) में एक सिक्योर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से इंश्योरेंस स्कीम्स को मैनेज किया जाएगा, जिसे ई-इंश्योरेंस अकाउंट (EIA) के रूप में जाना जाता है.