पहले पिता, फिर बॉयफ्रेंड... इंटरव्यू में बताया Pavitra Punia ने अपनी लाइफ का बुरा फेज

पवित्रा पुनिया ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी लाइफ के बुरे फेज पर बात की और बताया कि कैसे उन्होंने उस टाइम खुद को संभाला. Pavitra Punia recently talked about the bad phase of her life in an interview and told how she handled herself at that time.

पहले पिता, फिर बॉयफ्रेंड...  इंटरव्यू में बताया Pavitra Punia ने अपनी लाइफ का बुरा फेज

अभिनेत्री पवित्रा पुनिया अपनी पर्सनल लाइफ से लेकर प्रोफेशनल लाइफ सोशल मीडिया पर शेयर कर खूब सुर्खियां बटौरती रहती है. वहीं बीते दिन अब एक्ट्रेस ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि कैसे पिता की मौत का दर्द और ब्रेकअप के बाद उनका क्या हाल हुआ, इस बारे में पवित्रा ने खुलकर बात की और अपना दर्द सांझा किया. 

पहले पिता, फिर बॉयफ्रेंड 

बीते अगस्त से पवित्रा अपनी लाइफ में काफी कुछ झेल चुकी है, कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है उनकी लाइफ में, क्योंकि इसी दौरान उन्होंने अपने पिता को हमेशा के लिए खो दिया है और पिता को खोने का दर्द सिर्फ वहीं समझ सकता है, जिसके सिर से पिता का साया उठता है. पिता को खोने के बाद पवित्रा अभी इस दुख से उभर तक नहीं पाई थी कि उनका उनके बॉयफ्रेंड एजाज  के ब्रेकअप की खबरें भी आने लगी थीं. 

इंटरव्यू में बताया अपनी लाइफ का बुरा फेज 

पवित्रा ने इंटरव्यू में बात करते हुए कहा कि जब मैंने मेरे पिता को खोया तो वो मेरी लाइफ का सबसे बुरा फेज था. मैं पूरा दिन बेड के एक किनारे बैठी रहती थी, जिस वजह से बेड के उस किनारे पर एक बड़ा गड्ढा हो गया था, जिसे देखकर कोई भी ये कहेगा कि वहां कितना वजन रखा था तो ऐसा हो गया. 

पवित्रा ने आगे कहा कि मैं बस वहां बैठी रहती थी बिना किसी सपोर्ट के, उस टाइम मेरे पास कोई भी मेंटल सपोर्ट नहीं था और वही टाइम था जब मैं अपने ब्रेकअप से भी जूझ रही थी. जब पापा को खोया तब ब्रेकअप हुआ, मेरे पापा एक खूबसूरत इंसान थे, मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा थे मेरे पापा और मेरे दिल के बेहद करीब भी थे. 

वो टाइम ऐसा था जब मैं कुछ खा नहीं रही थी, बस सो के सब कुछ अनदेखा कर रही थी और मैं नहीं जानती थी कि मैं क्या करूं, नहीं पता था कि आगे क्या करना है और आगे क्या होने वाला है. उन्होंने कहा कि पापा हर टाइम मेरे माइंड में रहते थे, हमेशा उनके बारे में ही सोचती रहती थी, बिना किसी वजह मैं रोने लगती थी. वो टाइम मेरे लिए किसी मेंटल ट्रॉमा से कम नहीं था और अगर सच कहूं तो मैं उस टाइम डिप्रेशन के पीक पर थी, मुझे नहीं समझ आ रहा था कि क्या करना है.