देर रात नोटिफिकेशन हुआ जारी, लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका

केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले ही प्याज की निर्यात बंदी को लेकर किसानों को बड़ा झटका दे दिया है. 7 दिसंबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक के लिए प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया था. जिसे केंद्र सरकार ने 31 मार्च से आगे भी अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है. Even before the Lok Sabha elections, the Central Government has given a big blow to the farmers by banning the export of onion. Onion export was banned from 7 December 2023 to 31 March 2024. Which has been extended by the Central Government beyond March 31 till further orders.

देर रात नोटिफिकेशन हुआ जारी, लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका

लोकसभा चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो चुका है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अगुवाई में चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा की, जिसके बाद  चुनाव होने तक पूरे देश में आचार संहिता भी लागू कर दी गई है. 

प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन 

ऐसे में सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. लेकिन वहीं केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले ही प्याज की निर्यात बंदी को लेकर किसानों को बड़ा झटका दे दिया है. केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को खुश रखने के लिए 7 दिसंबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक के लिए प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया था. जिसे केंद्र सरकार ने 31 मार्च से आगे भी अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है. 

नोटिफिकेशन हुआ जारी 

डायरेक्टर जनरल ऑफ़ फॉरेन ट्रेड की ओर से देर रात इस बारे में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है कि अगले आदेश तक प्याज का एक्सपोर्ट बैंन जारी रहेगा. कहां किसान उम्मीद कर रहे थे कि चुनाव में उन्हें राहत मिलेगी उल्टे उन्हें इस आदेश से बड़ा झटका लगा है. क्योंकि यह आदेश अनिश्चितकाल के लिए है 

सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र पर

महाराष्ट्र प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक है  जो 43% प्याज की खेती करता है. इसलिए यहां के किसानों को इस आदेश से सबसे ज्यादा नुकसान होगा. इसलिए जब तक निर्यात बंदी वापस नहीं होगी तब तक यहां के किसानों को बहुत कम दाम मिलेगा. किसानों का कहना कि केंद्र सरकार लगातार प्याज किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है. वह ऐसी नीति लागू कर रही है जिससे मार्केट में दाम लागत से भी कम हो गया है.